Maa Kamakhya Devi Ke 5 Amogh Mantra Prayog :
माँ कामाख्या, देवी (Maa Kamakhya Devi) सती का ही रूप है । पौराणिक कथा के अनुसार जब देवी सती ने आत्मदाह कर लिया था तब भगवान शिव क्रोधित होकर उनका शव हाथ में लिए सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में विचरण करने लगे । अब भगवान विष्णु अपने चक्र के द्वारा देवी सती के शव को खंडित कर देते है । उनके शव के टुकड़े जहाँ-जहाँ पृथ्वी पर गिरते है वे सभी स्थान देवी सती के सिद्ध पीठ कहलाये । देवी सती के शव के कुल 51 टुकड़े इस पृथ्वी पर गिरे ये सभी माँ के 51 सिद्ध पीठ कहलाये । देवी सती का योनी भाग जिस स्थान पर गिरा वह स्थान कामाख्या देवी (Maa Kamakhya Devi) सिद्ध पीठ के नाम से विख्यात हुआ । देवी कामाख्या सिद्ध पीठ स्वयं में एक चमत्कारी स्थान है जहाँ दूर-दूर से साधक अपनी तंत्र साधनों में सिद्ध प्राप्त करने आते रहते है ।
देवी कामाख्या की उपासना शीघ्र फल प्रदान करने वाली है । जो भक्त देवी कामाख्या की नियमित रूप से पूजा-आराधना करते है वे जीवन भर सुख भोगते है, दुःख ऐसे जातक से कोसों दूर रहते है । आज हम आपको देवी कामाख्या के कुछ शक्तिशाली मन्त्रों के विषय में जानकारी देने वाले है जिनके प्रयोग से आप भी अपने जीवन को सुखमय बना सकते है ।
1.Maa Kamakhya Devi Beej Mantra –
“ क्लीं क्लीं कामाख्या क्लीं क्लीं नमः ”
माँ कामाख्या के इस मंत्र का प्रतिदिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पूजा के स्थान पर बैठकर 3 माला का जप करना चाहिए । मंत्र जप शुरू करने से पहले माँ कामाख्या देवी का मन में स्मरण करें व उनसे अपना आशीर्वाद पाने हेतु अरदास लगाए । लगातार 41 दिनों तक इसी प्रकार मंत्र जप करने से जातक के घर में सुख शांति व सम्रद्धि आने लगती है ।
2. Maa Kamakhya Devi Tantrik Mantra :
|| त्रीं त्रीं त्रीं हूँ हूँ स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं स्त्रीं हूँ हूँ त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा ||
माँ कामाख्या देवी का यह मंत्र तंत्र साधना के अंतर्गत आता है । यह बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है । जो जातक इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त कर लेते है उन्हें जीवन में किसी प्रकार की कोई कठिनाई अनुभव नहीं होती । ऐसा कोई कार्य नहीं जिसे वह पूर्ण न कर पाए । तंत्र साधकों का मानना है कि इस मंत्र में सिद्धि कामाख्या देवी के शक्तिपीठ पर ही संभव है । इस मंत्र द्वारा तंत्र साधना किसी योग्य गुरु के सानिध्य में ही संपन्न करनी चाहिए ।
3. Maa Kamakhya Devi Pranam Mantra :
कामाख्ये कामसम्पन्ने कामेश्वरि हरप्रिये ।
कामनां देहि मे नित्यं कामेश्वरि नमोऽस्तु ते ॥
माँ कामाख्या देवी की पूजा आराधना शुरू करने से पूर्व इस मंत्र द्वारा उनका स्मरण करना चाहिए उन्हें प्रणाम करना चाहिए ।
4. Maa Kamakhya Devi Vashikaran Mantra :
|| ॐ नमो कामाक्षी देवी आमुकी में वंशं कुरु कुरु स्वः ||
माँ कामाख्या देवी के इस मंत्र द्वारा किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है । इस मंत्र को सिद्ध करने का विधि-विधान बहुत लम्बा है जिसमें : विनियोग, करन्यास, अंग न्यास करने के उपरांत मुख्य साधना आरम्भ की जाती है और यह आप किसी किसी योग्य गुरु के सानिध्य में ही संभव कर सकते है । बिना गुरु के इस साधना को करने का प्रयास न करे व किसी योग्य गुरु की खोज करें जो आपको इस साधना के विषय में अधिक जानकारी और अनुभव दे सके ।
5. Maa Kamakhya Devi Sindur Prayog Mantra :
इस सिन्दूर को अभिमंत्रित कर प्रयोग में लाने से परिवार में सुख-शांति व वैवाहिक जीवन में खुशियाँ मिलती है । कामिया सिन्दूर को अभिमंत्रित करने की विधि इस प्रकार है :-
एक चांदी की डिब्बी में इस सिन्दूर को भरकर रख ले । अब शुक्रवार की सुबह पूजा के स्थान पर बैठकर इस सिन्दूर की डिब्बी को अपने सामने रखकर नीचे दिए गये मंत्र के 108 जप करें । 108 मंत्र जप पूर्ण होने पर 7 मंत्र जप और करें जिसनें प्रत्येक मंत्र पूर्ण होने पर इस सिन्दूर में फूंक लगाये । इस प्रकार कुल 7 बार सिन्दूर में मंत्र के साथ फूंक लगाते जाए । इस कार्य को शुक्रवार के दिन से शुरू कर आने वाले शुक्रवार तक करें । प्रतिदिन इसी विधि अनुसार मंत्र जप करते रहे ।
मंत्र इस प्रकार है :
कामाख्याये वरदे देवी नीलपर्वतावासिनी ।
त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते । ।
अब इस कामिया सिन्दूर में थोड़ी मात्रा में केसर, गंगाजल चन्दन मिला ले । अब आप इस मिश्रण से स्वयं को तिलक करें । इस मिश्रण द्वारा तिलक करके आप जिस भी व्यक्ति के सामने जायेंगे वह आपके वशीभूत होने लगेगा ।
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जय माँ कामाख्या