स्त्री के मन का भेद जानने का तंत्र

Stri Ke Mann Ka Bhed Janne Ka Tantra :

यदि किसी स्त्री, चाहे बह अपनी पत्नी या प्रेमिका ही क्यों न हो, के मन का भेद (Mann Ka Bhed) जानना हो तो निम्नलिखित प्रयोग मनोभिलाषा की पूर्ति करता है ।

जिस रात को चन्द्रग्रहण हो, उस रात को उल्लू के घोंसले के पास जाकर, चन्द्रग्रहण लग जाने पर, उल्लू को पकड़ लें । फिर उसे घर लाकर बांस से बने हुए पिंजडे में बन्द करके किसी एकांत स्थान में रख दें ।

इसके बाद,पिंजड़े के भीतर जब उल्लू बीट कर दे, तब उस बीट को उठाकर एक काँच के पात्र में रख लें ।

फिर उल्लू के बाँये डैन में से एक पंख नोंच कर, उल्लू को उसी घोंसले में रख आयें, जिसमें से कि उसे पकड़ कर लाया गया था ।

फिर, अगली अमाबस्या को आधी रात के समय एक तांबे के पात्र में शुद्ध जल भरकर तथा बीट और पंख को हाथ में लेकर किसी श्मशान भूमि में जाये और बहां किसी जलती हुई चिता के सामने, कुश के आसन पर पूर्बाभिमुख, पद्मासन लगाकर बैठ जायें तथा जल के पात्र एबं उल्लू के पंख और बीट बाले राख को अपने सामने रखकर निम्नलिखित मंत्र का जप करना आरम्भ करें । हर बार मंत्र पढ़ने के बाद पात्र में से जल लेकर बीट तथा पंख पर थोडा सा छिड़क देना चाहिए ।

Mann Ka Bhed Janne Ka Mantra :

मंत्र –“ॐ नमो लक्ष्मी बाहनाय, पक्षीराजाय, उलूकाय अं कं खं गं घं डं चं छं जं झं न्यं क्रां क्रीं क्रौं स्वाहा ।”

उक्त मंत्र को १००८ बार जपना चाहिए । मंत्र जप पूरा हो जाने पर पंख तथा बीट को चिता की आग की गरमी से सुखा लें । फिर उन्हें लेकर घर लौट आयें तथा तांबे के एक ताबीज में बीट एबं पंख को भरकर ताबीज का मुँह बन्द कर दें तथा उसमें पीले रंग का एक रेशमी डोरा भी बाँध दें ।

जिस स्त्री के मन का भेद (Mann Ka Bhed) जानना हो, बह जब गहरी नींद में सो रही हो, उस समय उक्त ताबीज को उसकी छाती पर रख दें । ताबीज के प्रभाब से बह नींद में सोती हुई हो बडबड़ा कर अपने मन का सम्पूर्ण भेद खोलना आरम्भ कर देगी । तब उसकी बातों को सुनकर सम्पूर्ण रहस्य की जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।

यदि किसी पुरुष के मन का भेद (Mann Ka Bhed) जानना हो तो उल्लू के दायें डैन के पंख का प्रयोग करना चाहिए । अन्य सब क्रियायें करनी आबश्यक है । दायें डैन के पंख का ताबीज जिस सोते हुए पुरुष की छाती पर रख जायेगा, बह निद्राबस्था में ही अपने मन का सम्पूर्ण भेद (Mann Ka Bhed) उगाल देगा।

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