मौत का गुड्डा

Maut Ka Gudda :

मौत का गुड्डा मंत्र :
“कोमल काया, कोमल हाड ।
अपनी शक्ति से तू पछाड ।।
मार-मार त्रिशूल मार ।
अगिया कटार मार ।
नीचे मार उपर मार ।
नर-नारी जो होबे मार ।
दिखा दे अपनी शक्ति की धारा ।
ओम ह्रीं क्रीं श्रीं फट् स्वाहा ।”
 
( यन्हा मंत्र (Maut Ka Gudda Mantra) मे कुछ शव्द छूपाया गया है , ताकि कोइ आदमी लालच मे आकर मौत का गुड्डा का प्रयोग करके किसीका कुछ खराब ना कर सके )
अपने नर या नारी शत्रु का एक अधोबस्त्र और कुछ सिर के ताजा टूटे बाल प्राप्त करें । जौ के आटे में बस्त्र कूटकर एक पुतला उस जैसा बनायें । बाल काटकर सिर, गुदामार्ग, योनेन्द्रिय पर लगायें ।
 
नीले बस्त्र पहनाकर 108 मंत्रो से सिद्ध करें । फिर एक सुई आग मे तपाकर मंत्र पढते हुए किसी स्थान पर चुभो दें । बहाँ उस ब्यक्ति को लगेगा जैसे भाला गडा हो । बह तडपेगा, चीखेगा, मगर अस्त्र-शस्त्र न होंगे ।
 
इस मौत का गुड्डा (Maut Ka Gudda) को चिता की आग में मंत्र पढते हुए डालने पर बह ब्यक्ति तडप-तडपकर म्रूत्यु के मुख में चला जायेगा । गन्दे स्थान पर गुड्डा को दबाने से बीमार पड जायेगा । पानी में डालने पर उस ब्यक्ति को पीडा से मुक्ति मिल जायेगी ।
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जय माँ कामाख्या

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