Mithun Rashi Ke Logon Ke Bare Me Kuchh Khaas Baatein :
मिथुन – का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
राशि स्वरूप – स्त्री- पुरुष आलिंगनबद्ध
राशि स्वामी- बुध।
मिथुन राशि (Mithun Rashi) के जातक काफी फुर्तीले और आकर्षक होते हैं। इनका राशि स्वामी बुद्ध होता है। वाकपटुता में निपुणता के साथ-साथ इनकी हाजिर जवाबी भी कमाल की होती है जो इनके स्वभाव को विनोदी भी बनाता है। इन तमाम गुणों के साथ इनमें असंगतता, सनकीपन भी झलकने लगता है। दरअसल इनका दोहरा व्यवहार इनके लिये कई बार सकारात्मक तो कई बार नकारात्मक साबित होता है। इनका राशि चिन्ह जुड़वां हैं यह इनके द्वीस्वभाव को प्रदर्शित करता है। विपरीत लिंगी के प्रति सहज रुप से आकर्षित होना भी इनके व्यक्तित्व की खासियत है। पत्नी के अलावा किसी और से भी सम्बन्ध हो सकता है। ससुराल से इनकी नहीं बनती है। एक से अधिक विवाह की भी संभावना हो सकती है। यदि कुंडली में गुरु और मंगल एक साथ हों तो व्यक्ति अपने क्षेत्र में उच्च शिखर तक पहुंच सकता है। इस राशि के जातक अपने ही विचारों में उलझता है।
1- आम तौर पर ये तमाम भौतिक सुख प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इनका व्यवहार बहुत दोस्ताना होता है। इनके व्यक्तित्व में मौजूद द्वीस्वभाव इनके व्यक्तित्व को बहुमुखी भी बनाता है । ये एक ही समय में व्यावहारिक होने के साथ साथ कलप्नात्मक और रचनात्मक भी हो सकते हैं।
2- बुद्धि लगने वाले कामों में ये विशेष रुचि लेते हैं। मिथुन जातक जिज्ञासु तो होते ही हैं साथ ही अपने बुद्धि बल से ये चतुर भी बन जाते हैं। एक और ये शांत व गंभीर होते हैं तो दूसरी और मजाक उड़ाने में भी देर नहीं लगाते। तीसरी राशि मिथुन का स्थान वृष और कर्क के बीच है। इसका देशांतरीय विस्तार ६.१ से ८.४ घंटे तक है। अक्षांशीय विस्तार ३५ डिग्री उत्तर से १० डिग्री दक्षिण तक है। इस राशि (Mithun Rashi) का सकारात्मक पक्ष है संगीत एवं नृत्य से गहरा लगाव। खेल एवं कला के क्षेत्र में आगे रहना। सुन्दर और आकर्षक दिखना।
3- कलहपूर्ण स्थिति में मध्यस्थ बनकर स्थिति को शांतिपूर्ण बनाना। इनका नाकारात्मक पक्ष है कि जिन्हें कामयाबी देर से मिलती है। इनके व्यवहार में बालपन झलकता है। इनका मन चंचल होता है। मिथुन राशि (Mithun Rashi) की लड़कियों को एक समय में एक रिश्ते में रहना थोड़ा तकलीफ देह होता है। एक समय पर एक रिलेशन में रहना इनके लिए मुश्किल काम है। बुध की धातु पारा है और इसका स्वभाव जरा-सी गर्मी-सर्दी में ऊपर नीचे होने वाला है। यही स्वभाव इन लोगों का भी होता है। दूसरे की मन की बातें पढ़ने, दूरदृष्टि, बहुमुखी प्रतिभा, अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है।व्यक्ति को बुद्धि वाले कामों में सफलता मिलती है। वाणी की चतुरता से इस राशि (Mithun Rashi) के लोग कुशल कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ भी बन जाते हैं।
4- दो तरह के स्वभाव वाली मिथुन राशि की महिलाओं का मन चलायमान रहता है। इस राशि की महिलाओं से विवाह करने वाले को यह जान लेना चाहिए कि वो एक नहीं बल्कि दो स्त्रियों से विवाह कर रहा है। इनका दिमाग निरंतर काम करता रहता है। ऐसी महिलाओं की सोचने की क्षमता काफी अच्छी होती है। किसी पुरुष के जीवन में प्यार लाने के साथ-साथ मिथुन राशि की महिलाएं आपके जीवन में तूफान भी ला सकती हैं। मिथुन राशि की महिलाओं में खास बात होती है कि वे जीवन में बदलाव को आसानी से स्वीकार कर लेती हैं।
5- इस जातक के व्यक्ति मिलनसार होते हैं। इनमें मिलकर कार्य करने की क्षमता होती है। ललित कलाओं से इन्हें प्रेम होता है। इस राशि के लोगों को जीवन में बड़ा संघर्ष करना पड़ता है। इनके रास्ते में बहुत सी बाधाएं आती हैं, लेकिन वे बाधाएं पार कर जाते हैं। ये लोग वाहनों की अच्छी जानकारी रखते हैं। नए-नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति अत्यधिक आकर्षण होता है। इनका घरेलू साज-सज्जा के प्रति अधिक झुकाव होता है। इस राशि के लोगों में ब्रह्माण्ड को समझने की योग्यता होती है। ये लोग वायुयान और सैटेलाइट के बारे में ज्ञान बढ़ाते हैं।
6- यदि कुंडली में राहु-शनि एक साथ हैं तो व्यक्ति की शिक्षा और शक्ति बढ़ती रहती है । व्यक्ति का कार्य शिक्षा स्थानों में या बिजली, पेट्रोल या वाहन वाले कामों की ओर होता है। व्यक्ति एक दायरे में रह कर ही काम कर पाते हैं और पूरा जीवन लाभ प्राप्त करते हैं । व्यक्ति के अंदर एक मर्यादा होती है जो उसे धर्म में बांधे रखती है। व्यक्ति सामाजिक और धार्मिक कार्यों में लगा रहता है ।
7- इस राशि (Mithun Rashi) की स्त्रियां जोखिम भरे कामों में पुरुषों को भी पीछे छोड़ देती हैं । इन्हें रोमांच से भरे काम करना काफी पसंद होता है । इस राशि वाली महिलाएं एक बेहतर मां साबित होती हैं । इनकी आर्थिक स्थिति डांवा-डोल रहती है । कभी बहुत अच्छी तो कभी बहुत अधिक तंगी भी झेलनी पड़ती है। पद और नौकरी में भी परिवर्तन होते रहते हैं। पारिवारिक संबंधों में मनमुटाव चलता रहता है। पत्नी के अलावा किसी और से भी सम्बन्ध हो सकता है। इस राशि के लोग एक काम में मन नहीं लगा पाते हैं, ऐसी वजह से प्रगति भी कम कर पाते हैं। मंगल के कारण व्यक्ति वचनों का पक्का बन जाता है। गुरु आसमान का राजा है तो राहु गुरु का शिष्य है। कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति से इस राशि के लोगों में ईश्वर की भक्ति को बढ़ाते हैं।
8- यात्राओं से इन्हें लाभ होता है। इस राशि के जातक सुनते सबकी हैं किंतु करते अपने ही मन के हैं। संतान कई होती हैं, लेकिन उनसे बनती नहीं है। इस राशि (Mithun rashi) के जातक अन्तर्मुखी प्रवृत्ति के होते हैं। शांत और मौन रहना इन्हें अच्छा लगता है। व्यवसाय की दृष्टि से वकालत, अभिनय, अध्यापन क्षेत्र इनके लिए भग्यशाली होते हैं। इनके मन की थाह लेना मुश्किल होता है। मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के स्वामी मंगल – शुक्र हैं। मंगल शक्ति और शुक्र माया का प्रतीक है।शुक्र के कारण ये लोग जीवनसाथी के लिए हमेशा शक्ति बने रहते हैं, कभी-कभी घरेलू कारणों से आपस में तनाव उत्पन्न हो सकता है। यदि इनकी कुंडली में मंगल और शुक्र की युति है तो इन लोगों में स्त्री रोगों को परखने की अद्भुत क्षमता होती है।
9- करियर के लिहाज से देखा जाए तो कार्यक्षेत्र में इनकी तार्किक क्षमता लाजवाब होती है जो इन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है। जो जातक लेखन और अध्यापन या संगीत के क्षेत्रों से जुड़े हैं उनका प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहता है। नेतृत्व का गुण भी इनमें मौजूद होता है। हर काम में जिज्ञासा और खोजी दिमाग होने के कारण इस राशि (Mithun Rashi) के लोग जांच – पड़ताल में भी सफल होते हैं। ये लोग पत्रकार, लेखक, भाषाओं की जानकारी रखने वाले, योजनाकार भी बन सकते हैं।
10- ये अध्ययनशील, विद्याप्रेमी तथा व्यापारिक सोच वाले होते हैं। ये दूसरे की बात जल्दी समझ लेते हैं। फलस्वरूप सफलता भी प्राप्त कर लेते हैं। मिथुन राशि (Mithun Rashi) की महिलाओं की अपेक्षाएं बहुत ज्यादा होती हैं, इसी कारण ज्यादातर पुरुष मिथुन राशि (Mithun Rashi) वाली महिलाओं की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाते। इसलिए मिथुन राशि (Mithun Rashi) की महिलाओं को मुश्किल से ही पूरी तरह से प्यार मिल पाता है। इस राशि (Mithun Rashi) की प्रायः महिलाएं प्यार को काल्पनिक मानती हैं, इसलिए ये प्यार को केवल खेल समझती हैं। ऐसी महिलाएं अपने व्यक्तित्व के सारे पहलु अपने जीवनसाथी के सामने खोल कर रख देती हैं। इनका ईर्ष्या का भाव अन्य महिलाओं के अनुपात में ज्यादा होता है। ये रिश्तेदार अथवा अन्य लोगों की भलाई तो करते हैं, किन्तु उसका परिणाम इन्हें बुरा ही मिलता है।
11- घर का मकान, इंस्टेट या भाग्यवाद संतान में से कोई एक बात अवश्य जीवन में प्राप्त होती है। माता-पिता, पत्नी, सास या भाई में से किसी भी एक व्यक्ति दुःखकारक बनता है। इन्हें जीवन में पुत्र अथवा पौत्रों को देखने का योग प्राप्त रहता है। जिस मकान का प्रमुख द्वार उत्तर, पूर्व दिशा में हो तथा रहने का स्थान ऊपरी मंजिल में हो, तो वह शुभ रहता है।
12- संगत का रंग इन पर बहुत जल्दी चढ़ता है। बुरी संगत में ये बहुत बुरे हो जाते हैं तो अच्छी संगत इन्हें बहुत अच्छा बनाती है। इनके व्यक्तित्व का एक गुण मूडी होना भी है। मिथुन (Mithun rashi) जातकों के रोमांटिक व्यक्तित्व को देखा जाए तो ये विपरीत लिंगी के प्रति बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं और दूसरों को भी अपनी और जल्द ही आकर्षित कर लेते हैं। इनके साथ प्यार की पींघे बढ़ाना दिलचस्प और मजेदार रहता है लेकिन साथ ही इसके लिये साहस भी बहुत चाहिये होता है, क्योंकि इनकी चंचलता, द्वीस्वभाव और लापरवाही आप के दिल के टुकड़े – टुकड़े करने के लिये काफी कारगर हो सकती है। चूंकि इनके व्यक्तित्व में सनक भी होती है तो इसकी भी पूरी संभावना हो जाती है कि ये आपको दिवानगी की हद तक चाहें।
Mithun Rashi Logon Keliye Salah :
मिथुन राशि (Mithun Rashi) का ग्रह बुध होता है। यदि आपकी कुंडली में बुध खराब है तो बहन, बुआ, मौसी को कष्ट हो सकता है। सूंघने की क्षमता कमजोर होना। चेचक, दिमाग के रोग, नाड़ी, जीभ, दांत की बीमारियां होना।
Mithun Rashi Logo Isse Sabdhani Rahe :
– मसालेदार भोजन का त्याग कर दें।
– घर में पक्षी और मछली न पालें।
– दरवाजे के पास मनीप्लांट न लगाएं।
– चमड़े की जैकेट न पहनें।
– छत पर अटाला और बांस न रखें।
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