Pretni Sadhana Siddhi :
मंत्र : “ॐ श्रीं बं मुं भुतेश्वरी मम् बश्य कुरु कुरु स्वाहा ।”
Pretni Sadhana Siddhi Vidhi :
अपनी चौका में बचा हुआ जल मूल नक्षत्र के समय किसी निर्जन स्थान में खड़े बबूल के बृक्ष की जड़ में प्रतिदिन एक हजार एक सौ अठासी बार मंत्र जाप करके डालें । चालीस दिन निरंतर जल डालें तथा इकतालिसबें दिन बबूल की जड़ में जाकर एक हजार एक सौ अठासी मंत्रो का पाठ करें, परन्तु जल न डाले । प्रेत प्रकट होकर जल मांगने लगेगा । उससे बचन लेकर की बोले बह प्रत्येक आज्ञा का पालन करेगा , तब जाकर जल डालें। यह जल निरंतर प्रतिदिन डालना होता है । प्रेत आपकी प्रत्येक आज्ञा पालन करेगा ।
Pretni Sadhana Mantra 2
मंत्र : “ॐ नमो कमाख्याये सर्बसिद्धि दाये कुरु कुरु स्वाहा ।”
Pretni Sadhana Vidhi :
इस मंत्र का जप प्रतिदिन अर्द्धरात्री में एक हजार एक सौ अठासी बार करे । इस समय आपका पूर्ण ध्यान देबी पर केन्द्रित होना चाहिये और बेल के पत्तों तथा तेल जौ आदि का हब्य रक्त चन्दन मिलाकर आहुति देते रहें । यह मंत्र इक्कीस दिन में सिद्ध होता है ।
चेताबनी :
भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है । परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा । उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा हम सिर्फ जानकारी के लिए दिया हुं ।
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