Sankat Mochan Anushthan Ki Vidhi Aur Mantra :
१॰ विनियोगः- ॐ अस्य श्री हनुमन्महामन्त्रस्य ईश्वर ऋषिः, गायत्री छन्दः, हनुमान देवता, हं बीजं, नमः शक्तिः, आञ्जनेयाय कीलकम् मम सर्व-प्रतिबन्धक-निवृत्ति-पूर्वकं हनुमत्प्रसाद-सिद्धयर्थे जपे विनियोगः ।
ऋष्यादिन्यासः- ईश्वर ऋषये नमः शिरसि, गायत्री छन्दसे नमः मुखे, हनुमान देवतायै नमः हृदि, हं बीजाय नमः नाभौ, नमः शक्तये नमः गुह्ये, आञ्जनेयाय कीलकाय नमः पादयो मम सर्व-प्रतिबन्धक-निवृत्ति-पूर्वकं हनुमत्प्रसाद-सिद्धयर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे ।
करन्यासः- ॐ ह्रां आञ्जनेयाय अंगुष्ठाभ्यां नमः, ॐ ह्रीं महाबलाय तर्जनीभ्यां नमः, ॐ ह्रूं शरणागत-रक्षकाय मध्यमाभ्यां नमः, ॐ ह्रैं श्री-राम-दूताय अनामिकाभ्यां नमः, ॐ ह्रौं हरिमर्कटाय कनिष्ठिकाभ्यां नमः, ॐ ह्रः सीता-शोक-विनाशकाय करतल-कर-पृष्ठाभ्यां नमः ।
हृदयादिन्यासः- ॐ ह्रां आञ्जनेयाय हृदयाय नमः, ॐ ह्रीं महाबलाय शिरसे स्वाहा, ॐ ह्रूं शरणागत-रक्षकाय शिखायै वषट्, ॐ ह्रैं श्री-राम-दूताय कवचाय हुम्, ॐ ह्रौं हरिमर्कटाय नेत्र-त्रयाय वोषट्, ॐ ह्रः सीता-शोक-विनाशकाय अस्त्राय फट् ।
Dhyan Sankat Mochan Ki :
ॐ उद्यद्बालदिवाकरद्युतितनु पीताम्बरालंकृतं ।
देवेन्द्र-प्रमुख-प्रशस्त-यशसं श्रीराम-भूप-प्रियम् ।।
सीता-शोक-विनाशिनं पटुतरं भक्तेष्ट-सिद्धि-प्रदं ।
ध्यायेद्वानर-पुंगवं हरिवरं श्रीमारुति सिद्धिदम् ।।
निम्नलिखित संकट मोचन मन्त्रों (Sankat Mochan Mantro) में से किसी एक मन्त्र का जप ६ मास तक नित्य-प्रति ३००० करना चाहिए –
१॰ “ॐ हं हनुमते आञ्जनेयाय महाबलाय नमः ।”
२॰ “ॐ आञ्जनेयाय महाबलाय हुं फट् ।”
३॰ “ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय महाभीमपराक्रमाय सकलशत्रुसंहारणाय स्वाहा।
ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय महाबलप्रचण्डाय सकलब्रह्माण्डनायकाय सकलभूत-प्रेत-पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षिणी-पूतना-महामारी-सकलविघ्ननिवारणाय स्वाहा।
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे महाबलाय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् (गायत्री)
ॐ नमो हनुमते महाबलप्रचण्डाय महाभीम पराक्रमाय गजक्रान्तदिङ्मण्डलयशोवितानधवलीकृतमहाचलपराक्रमाय पञ्चवदनाय नृसिंहाय वज्रदेहाय ज्वलदग्नितनूरुहाय रुद्रावताराय महाभीमाय, मम मनोरथपरकायसिद्धिं देहि देहि स्वाहा।
ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय महाभीमपराक्रमाय सकलसिद्धिदाय वाञ्छितपूरकाय सर्वविघ्ननिवारणाय मनो वाञ्छितफलप्रदाय सर्वजीववशीकराय दारिद्रयविध्वंसनाय परममंगलाय सर्वदुःखनिवारणाय अञ्जनीपुत्राय सकलसम्पत्तिकराय जयप्रदाय ॐ ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रूं फट् स्वाहा।”
सर्वकामना सिद्धि का संकल्प करके उपर्युक्त पूरे मन्त्र का १३ दिनों में ब्राह्मणों द्वारा ३३००० जप पूर्ण कराये । तेरहवें दिन १३ पान के पत्तों पर १३ सुपारी रखकर शुद्ध रोली अथवा पीसी हुई हल्दी रखकर स्वयं १०८ बार उक्त संकट मोचन मन्त्र (Sankat Mochan Mantra) का जाप करके एक पान को उठाकर अलग रख दे । तदन्तर पञ्चोपचार से पूजन करके गाय का घृत, सफेद दूर्वा तथा सफेद कमल का भाग मिलाकर उसके साथ उस पान का अग्नि में हवन कर दे । इसी प्रकार १३ पानों का हवन करे ।
तदन्तर ब्राह्मणों द्वारा उक्त संकट मोचन मन्त्र से ३२००० आहुतियाँ दिलाकर हवन करायें । तथा ब्राह्मणों को भोजन कराये ।
३॰ “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नमो भगवते हनुमते मम कार्येषु ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल असाध्यं साधय साधय मां रक्ष रक्ष सर्वदुष्टेभ्यो हुं फट् स्वाहा।”
विधिः-मंगलवार से प्रारम्भ करके इस मन्त्र का प्रतिदिन १०८ बार जप करता रहे और कम-से-कम सात मंगलवार तक तो अवश्य करे। इससे इसके फलस्वरुप घर का पारस्परिक विग्रह मिटता है, दुष्टों का निवारण होता है और बड़ा कठिन कार्य भी आसानी से सफल हो जाता है।
४॰ “हनुमन् सर्वधर्मज्ञ सर्वकार्यविधायक।
अकस्मादागतोत्पातं नाशयाशु नमोऽस्तु ते।।”
या “हनूमन्नञ्जनीसूनो वायुपुत्र महाबल।
अकस्मादागतोत्पातं नाशयाशु नमोऽस्तु ते।।”
विधिः- प्रतिदिन तीन हजार के हिसाब से ११ दिनों में ३३ हजार जप जो, फिर ३३०० दशांश हवन या जप करके ३३ ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाये। इससे अकस्मात् आयी हुई विपत्ति सहज ही टल जाती है।
हनुमान जी की साधना में ब्रम्हचर्य अनिवार्य है ! भोजन याम नियम की सावधानी बरते ! दशांश हवन करने से हनुमान जी सब कष्टो से मुक्ति देते है ! सारे ही मंत्र (Sankat Mochan Mantra) विलक्षण है बस नियमित जाप और हवन की आवश्यकता है ।
सम्पर्क करे (मो.) +91- 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या