सप्त महाशक्ति साधना की शुरुआत कैसे करें ?

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Sapt Mahashakti Sadhana Ki Shuruaat Kaise Karein ?

सृष्टि की उत्पति, पालन एबं संहार करने बाली सात महाशक्तियों का साधन करने से मनुष्य की बिभिन्न मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं । उन महाशक्तियों में सप्त महाशक्ति साधना (Sapt Mahashakti Sadhana) के नाम इस प्रकार हैं –
(1) बज्रयोगिनी ,(2) बाराही ,(3) शारदा ,(4) कामेश्वरी ,(5) गौरी ,(6) अन्नपूर्णा तथा (7) कुलबागीश्वरी

बज्रयोगिनी साधन मंत्र :

बज्रयोगिनी सप्त महाशक्ति साधना (Sapt Mahashakti Sadhana) का मंत्र यह है – “ॐ ह्रीं बज्रयोगिनयै स्वाहा ।”
उक्त मंत्र का प्रतिदिन तीनों समय एक –एक माला (108 बार) जप करने से शरीर पुष्ट होता है तथा सब प्रकार के रोग दूर होकर सिद्धि प्राप्त होती है ।

बाराही साधन मंत्र :

बाराही सप्त महाशक्ति साधना (Sapt Mahashakti Sadhana) का मंत्र यह है – “ॐ ह्रीं नमो बाराही घोरे स्वप्नम था था स्वाहा ।”

उक्त मंत्र का प्रतिदिन मध्यरात्रि में एक माला (108 बार) जप करके सो जाएं तथा सिरहाने दीपक जलाकर उसे पानी भरे हुए घड़े पर रख दें । इस साधन से हर प्रकार के अरिष्ट दूर होते हैं तथा बाराही देबी स्वप्न में आकर साधक की कामना पूर्ति का उपाय अथबा प्रश्न का उत्तर बता जाती है । इसे स्वप्नबाराही मंत्र भी कहा जाता है ।

शारदा साधन मंत्र :

शारदा सप्त महाशक्ति साधना (Sapt Mahashakti Sadhana) का मंत्र यह है – “ॐ ह्रीं क्लां स: नमो भगबत्यै शारदायै ह्रीं स्वाहा ।।”

उक्त मंत्र का प्रतिदिन प्रात:काल एक माला जप करने से बाक् सिद्धि, बिद्या एबं आरोग्य की प्राप्ति होती है ।

कामेश्वरी साधन मंत्र :

कामेश्वरी सप्त महाशक्ति साधना (Sapt Mahashakti Sadhana) का मंत्र यह है – “ॐ ह्रां श्रीं द्रां द्रीं क्लीं क्लूं जं जं बनाख्यें कामेश्वरि बाण देबते स्वाहा ।।”

उक्त मंत्र का प्रतिदिन अर्द्धरात्रि के समय एक माला (108 बार) जप करने से पुंसत्व की प्राप्ति, बिबाह –सिद्धि एबं सुख की प्राप्ति होती है ।

गौरी साधन मंत्र :

गौरी सप्त महाशक्ति साधना का मंत्र यह है – “ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं ग्लौं गं गौरी गीं स्वाहा ।”

उक्त मंत्र का प्रतिदिन मध्याह्न काल में एक माला (108 बार) जप करने से सन्तान बृद्धि एबं स्त्री पुत्रादि के सुख की प्राप्ति होती है ।

अन्नपूर्णा साधन मंत्र :

अन्नपूर्णा सप्त महाशक्ति साधना का मंत्र यह है –
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगबती माहेश्वरी अन्नपूर्णे स्वाहा ।”

उक्त मंत्र का प्रतिदिन प्रात: एबं सायंकाल एक माला (108 बार) जप करने से धन धान्य की बृद्धि होती है ।

कुल बागीश्वरी साधन मंत्र :

कुलबागीश्वरी देबी के साधन (जप) का मंत्र यह है –
“ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं हुं ऊं उषहस्ते कुलबागीश्वरी ऐ ठ: ॐ ठ: ख्रीं ठ: स्वाहा ।।”

उक्त मंत्र का प्रतिदिन तीनों समय (प्रात:, मध्याह्न एबं संध्या) एक्माला (108 बार) जप करने से कुल के सम्मान, यश एबं ऐश्वर्य की बृद्धि होती है तथा समस्त कामनाएं सिद्ध होती है ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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