प्रतिदिन सुबह स्नान इत्यादि से निवृत्त होने के बाद मंत्र जप आरंभ करें।अपने सामने मां सरस्वती का यंत्र या चित्र स्थापित करें।
अब चित्र या यंत्र के ऊपर श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प व अक्षत (चावल) भेंट करें और धूप-दीप जलाकर देवी की पूजा करें और अपनी मनोकामना का मन में स्मरण करके स्फटिक की माला से किसी भी सरस्वती मंत्र की शांत मन से 1 माला फेरें।
मंत्र : “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम:।”
सरस्वती-गायत्री मंत्र :
“ॐ सरस्वत्यै विधमहे, ब्रह्मपुत्रयै धीमहि। तन्नो देवी प्रचोद्यात।”
“ॐ वाग देव्यै विधमहे काम राज्या धीमहि। तन्नो सरस्वती: प्रचोदयात।”
ज्ञान वृद्धि का गायत्री मंत्र :
“ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।”
परीक्षा भय निवारण हेतु :
“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा।”
स्मरण शक्ति नियंत्रण हेतु : “ॐ ऐं स्मृत्यै नम:।”
विघ्न निवारण हेतु :
“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।”
स्मरण शक्ति बढ़ाने का मंत्र : “ऐं नम: भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।”
परीक्षा में सफलता के लिए :
“ॐ नम: श्रीं श्रीं अहं वद वद वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नम: स्वाहा विद्यां देहि मम ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा।”
“जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी, कवि उर अजिर नचावहिं बानी।
मोरि सुधारिहिं सो सब भांती, जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।”
मां सरस्वती का मानस पूजा मंत्र :
“ॐ ऐं क्लीं सौ: ह्रीं श्रीं ध्रीं वद वद वाग्-वादिनि सौ: क्लीं ऐं श्रीसरस्वत्यै नम:।”
इस मंत्र का 21 बार जप करें।
“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं महासरस्वत्यै नम:।”
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या