Sarvkarya Siddhi Hetu Mantra Upay :
उल्लू की जीभ, चोंच, नख, गुदा ,आँखें तथा छोटे पंख इन सब बस्तुओं को चन्दन की समिधा में जलाकर भस्म तैयार कर लें । फिर उस भस्म को किसी पात्र में भरकर रख दें ।
फिर सोमबती अमाबस्या को आधी रात के समय उस भस्म को लेकर किसी तालाब के किनारे पर जाएं और भस्म को अपने दायें हाथ में लेकर उस तालाब के जल में स्नान करें ।
स्नानोपरान्त भस्म को तालाब पर रखकर स्वयं उसके सामने सुखासन लगाकर बैठ जाएँ । आपका मुंह उत्तर दिशा की और ही रहे । इसके बाद निम्नलिखित सर्वकार्य सिद्धि मंत्र (Sarvkarya Siddhi Mantra) का 7008 बार जप करें तथा प्रत्येक बार मंत्र पाठ पूरा होने पर भस्मपात्र पर एक –एक फूंक मारते जायें । इस बिधि से पात्र में रखी हुई भस्म अभिमंत्रित बन जायेगी ।
Sarvkarya Siddhi Mantra :
मंत्र : “ॐ नमो भूतनाथाय ,उद्दायेश्वराये ,पक्षिराजाय, काकारि कमलासनाय, लक्ष्मीबाहनाय , मम सर्बकार्य सिद्धि कुरु कुरु डां डीं डूं डं डौं स्वाहा ।”
मंत्र जप पूरा हो जाने पर भस्म को लेकर घर लौट जाएं । दुसरे दिन प्रात: स्नानादि से निबृत हो, अपने मस्तक पर भस्म लगाएं । इस प्रकार 31 दिन तक नित्य नियमपुर्बक तिलक लगाते रहें । तत्पश्चात जब किसी कार्य को सिद्ध करना हो, उस दिन ललाट पर भस्म का तिलक लगाकर बाहर निकलें तो कार्य स्वयं सिद्ध होते जायेंगें ।
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