शत्रु गृह कलह कारक तंत्र प्रयोग

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Shatru Grih Kalah Karak Tantra Prayog :

किसी शत्रु के घर में कलह करानी हो तो निम्नलिखित प्रयोग (Shatru Grih Kalah Karak Tantra) करना चाहिए –
मुर्गे के पूछं तथा पीठ का एक एक पंख लें । फिर अमाबस्या की आधी रात को किसी एकान्त स्थान में पूर्ब दिशा की और मुँह करके पद्मासन लगा कर बैठ जाय तथा पंखों को सामने रख कर निम्नलिखित मंत्र का ७५२२१ बार उचारण करते हुए उन्हें अभिमंत्रित करें –

Shatru Grih Kalah Karak Tantra :

मंत्र – “ॐ नम: कालिकायै क्लीं क्लीं क्लीं शत्रु गृहे कलहं बिस्तारय बिस्तारय स्वाहा ।”

अभिमंत्रित करने के बाद उन पंखों को साबधानी से किसी कागज़ में लपेट कर रख लें । फिर अबसर मिलने पर उन्हें शत्रु के घर में अथबा दरबाजे पर गाढ़ दें । यदि गाढना सम्भब न हो तो उन्हें रात के समय शत्रु के घर के आंगन में फेंक दें । इस प्रयोग से शत्रु के घर में इतनी जबर्दस्त कलह का सूत्रपात हो जाता है कि बह उससे परेशान होकर अन्य लोग से शत्रुता निभाने में स्वयं को असमर्थ अनुभब करने लगता है । इतना ही नहीं, बह स्वयं ही शरणागत होकर सदैब के लिए शत्रुता त्याग देता है ।

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