शत्रुनाशक अघोर तंत्र प्रयोग

अमाबस्या की मध्य रात्रि में श्मशान में निबस्त्र होकर भैरबी की पूजा करके श्मशान की भस्म, एक ठीकरी, तीन कोयले, एक श्मशान का बस्त्र लेना है, आदमी की खोपडी मे यह सब सामग्री रखकर भैरब एबं भैरबी मंत्र का 1008 बार उचारण करें । अब उस पर मदिरा छिडकें (उस श्मशान की बस्तुओं पर) फिर उस सामग्री की पोटली बांधकर बैरी के रास्ते में रख दें । इससे शत्रु पुन: कभी नहीं सतायेगा ।
 
नोट : यहाँ शत्रुनाशक अघोर तंत्र प्रयोग (Shatrunashak Aghor Tantra Prayog) में कुछ जरुरी बिधी छुपागया है, क्रिया करने से पहले योग्य गुरु की सानिध्य मे रह्कर करना जरूरी है । बिना गुरु से सोचना भी नहीं ।
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