Shmashaan Saadhna Prayog Mantra :
“बिसमिल्लाहिर्रमानिर्रहीम लाइल्लालिलाह मुहम्मदर्र्सुलिल्लाह
मुसलमानी अबादानी भरी न खाय परी न छोडे बे मुसलमान
बहिश्त को जाया हुआ ईद का रोज गुसल कर सैयद बहाया
बाजा बम्ब नगाडा बख्तर तोप मंगाय दिया प्याले सहाय बा सब
चल खाये चौकी पे चौकी चली अम्बरा हुआ सेत सैयदों से रारि
हुई तरबर तारागढ के खेत खिंगसा घोडा नहीं मीना सा मर्द बही
जिसने सरबार तारागढ तोरा अजयपाल सा देब नहीं जिसने चककर
चलया मीरा पढी नमाज बहां का बहीं ठहराया आतिल कुर्सि
बन्द कुरात घाटे बाढे तुहि समान आकाश बांध पाताल बांधे बांधे
नदी तालाब देह बांधे धड को भी बांधे कहा हुए जाय मर घटिया
मसाण हहिया मसाण जहि-हिया मसाण मिरगिया मसाण फल
किया मसाण कालका ब्रह्मराक्षस को, चुडैल पृथ्बी को, देबी-
देबताओं को बांध बस में न करें तो सुअर काट सुअर की बोंटी
दांत तर दबायेगा सतंन्तर नाडी बहतरे कोठा से बांध-बांध मेरी
भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरों बाचा छू मंत्र ।।”
Shmashaan Saadhna Prayog Vishesh :
यह मंत्र कई प्रयोग में अलग-अलग कार्यो के लिये उपयोग में लिया जाता है । श्मशान-सिद्धि ब श्मशान बन्धन एबं भूत-प्रेत आदि को अधीन करने लिये कई प्रयोग किये जा सकता है । केबल प्रयोग बिधि अलग-अलग होती है लेकिन मंत्र यह एक ही रहेगा । जिस साधक को इसकी जानकारी होबे बह ही करे । इसकी साधना बिधि इस प्रकार है ।
Shmashaan Saadhna Prayog Vidhi :
इस श्मशान साधना प्रयोग मंत्र के किसी एकान्त स्थान में बैठ कर 41 दिन में सबा लाख जप पूर्ण कर लें । जप के समय लौबान, अगरबती, दीपक, जलाबें , इत्र और सुगन्धित पुष्प नित्य आगे रखें एबं नैबेद्य आगे रखे तथा शुद्ध-पबित्रता पूर्बक यह साधना कर लें जप करते समय अपना मुख पशिचम की और रखें । इसी भांति नियमपूर्बक 41 दिन साधना करें । सिद्धि के बाद अपनी कामना के अनुसार प्रयोग करें । यह कई कार्यों के लिये उपयोगी मंत्र है ।
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जय माँ कामाख्या