श्रीनृसिंह मारण मंत्र के लाभ और प्रयोग

Shri Nrisimha Maran Mantra Ke Laabh Aur Prayog :

श्रीनृसिंह मारण मंत्र : “ॐ नमो भगबते उन्मतरुद्राय भ्रम – भ्रम, भ्रामय – भ्रामय , (अमुक) बित्रासय – बित्रासय ,उद्भ्रामय – उद्भ्रामय, रूद्ररूपेण – रूपेण, हूँ फट स्वाहा ।”

Shri Nrisimha Maran Mantra Nyasa Vidhi :

ॐ आचक्राय स्वाहा ह्रदय: नम: ।
ॐ बिचक्राय स्वाहा शिर से स्वाहा ।
ॐ सुचक्राय स्वाहा शिरबायै बषट ।
ॐ धीचक्राय स्वाहा कबचाय हुम ।
ॐ संचक्राय स्वाहा नेत्राय बौसट ।
ॐ ज्वालाचक्राय स्वाहा अस्त्राय फट ।

Shri Nrisimha Maran Mantra Prayog :

उपरोक्त मंत्र का श्मशान भूमि में ३ लाख की संख्या में जप करे । चिता की आग में धतूरे की समिधाओं का हबन करने से शत्रु का उचाटन तथा मारण दोनों हो जाते हैं । समस्त प्रयोग और पूजा बिधि कोई जानकार पंडित जो ये साधना में सिद्धि हासिल किये है , उनका सानिध्य में रहकर कार्य सिद्धि करें अन्यथा लाभ की जगह हानि उठाना पड़ता है ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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