Smaran Shakti Badhane Ka Kamakhya Mantra :
मंत्र : {ओम नम: देबी कामाख्या ।
त्रिशूल खड्ग हस्त पाधा ।
पाती गरुड ।
सर्ब लखी तू प्रीतये ।
समांगन ।
तत्व चिंतामणि ।
नरसिंह चल-चल ।
खीण कोटि कात्यायनी तालब प्रसाद ।
के ओम हों हों कूं त्रिभुबन चालिया ।
चालिया स्वाहा ।}
Smaran Shakti Badhane Ka Kamakhya Mantra Vidhi :
उपर्युक्त मंत्र पढते हुए बाल के टुकडों के साथ ब्राह्मी और गाय के घी का हबन करें, तो दूर बैठे ब्यक्ति की भी स्मरणशक्ति बढती है ।
कृष्ण पक्ष शनिबार मूल नक्षत्र राहु काल मे उपर्युक्त कामख्या मंत्र पढकर मछली का पित्त और बन्दर की बिष्ठा के साथ मंत्रो पढते हुए 1188 बार मंत्र से आहुती दे, तो बांछित ब्यक्ति पागल हो जाता है ।
(यन्हा बिधि मे कुछ छुपाया गया है , ताकि आदमि कभि भी लालच मे आकर किसी का बुरा ना कर ले.)
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या