अघोर क्रियागत कर्णपिशाचि मंत्र

Karnapishachi Mantra

Aghor Kriyagat Karnapishachi Mantra : Karnapishachi Mantra :”ओम ह्रीं कर्णपिशाचिनी अमोघ सत्यबादिनी मम कर्णे अबतर अबतर सत्यं कथय कथय अतीतानागत बर्तमान दर्शय दर्शय एं ह्रीं ह्रीं कर्णपिशाचिनी स्वाहा ।” कृष्णपक्ष की त्रयोदशी से अमाबस तक इसका प्रयोग है, परंन्तु कृष्ण त्रुतीया से ही नहाना- धोना, सन्ध्या बन्दन, मुख शोधन – सभि कर्म बंन्द करें , … Read more

कर्णपिशाचि प्रयोग बिधि

karnpisachi prayog

Karnpisachi Prayog : 1. मंत्र – “ओम कर्ण पिशाचि बदातीतानागत ह्रीं स्वाहा” महर्षि बेदब्यास ने इस मंत्र का जाप किया, फलस्वरुप बे अल्पकाल में ही सर्बज्ञ हो गये ।   2. मंत्र : “कह कह कालिके गृह्य गृह्य पिण्ड पिशाचि स्वाहा” कर्णपिशाचि का यह दूसरा मंत्र है । इनका ध्यान इस प्रकार है – कृष्णां … Read more