रोग शांति के लिए मंत्र :

रोग शांति के लिए मंत्र :

रोग शांति के लिए मंत्र : रोग शांति मंत्र : “पर्बत उपर पर्बत। पर्बत ऊपर स्फटिक शिला। स्फटिक शिला पर अंजनी। जिन जाया हनुमंत। नेहला टेहला कांख की कखराई। पीछे की आढटी। कान की कनफेंट राल की। बढ कण्ठ की कंठमाला। घुटने का डहरू। ढाढ की ढढशूल। पेट की ताप,तिल्ली किया। इतने को ढूर करें। … Read more

मंत्र से अद्वितीय रुप की प्राप्ति :

मंत्र से अद्वितीय रुप की प्राप्ति

मंत्र से अद्वितीय रुप की प्राप्ति : अद्वितीय मंत्र : ॐ रति क्रियायै कामदेबायै मम अंग उपांगे प्रबिशय सुदर्शनायै फट्।। बिधि : यह महत्व तंत्र में है कि आप मंत्र से अपना रूप नया बनाकर सबको मोहित कर सकते हैं । यह जडी बूटी का लेप नहीं यह सिद्ध मंत्र है जो पुरातन ग्रंथ से … Read more