कुण्डली में विपरीत राजयोग

कुण्डली में विपरीत राजयोग :-

कुण्डली में विपरीत राजयोग : ज्योतिषशास्त्र में जब दो अशुभ भावों एवं उनके स्वामियों के बीच सम्बन्ध बनता है तो अशुभता शुभता में बदल जाती है । विपरीत राजयोग भी इसी का एक उदाहरण है । जिस प्रकार कुण्डली में राजयोग सुख, वैभव, उन्नति और सफलता देता है उसी प्रकार विपरीत राजयोग भी शुभ फलदायी … Read more

जन्म कुंडली के कुछ विशिष्ट योगों

योगों

जन्म कुंडली के कुछ विशिष्ट योगों : द्विभार्या योग : राहू लग्न में पुरुष राशि (सिंह के अलावा) में हो अथवा 7वें भाव में सूर्य, शनि, मंगल, केतु या राहू में से कोई भी दो ग्रह (युति दृष्टि द्वारा) जुड़ जाएं तो द्विभार्या योग बनता है । (ऐसे में सप्तमेष व द्वादशेश की स्थिति भी … Read more