शत्रु बिनाशक मंत्र
शत्रु बिनाशक मंत्र : मंत्र : “मन मना गुरु रतना, छ्पक देब हरताल, जगर-बगर तेंदुआ होय, बिजली चमके कोई घरी, कोई समय के बेर में । कोई हंसा ला हर बन्दन दे । जय चण्डी माता ।।” बिधि : साधना एक दिन की है । साधना अमाबास्या की रात 11 बजे से लेकर 3 बजे … Read more