त्रिपुरा आकर्षण मंत्र प्रयोग

Tripura Aakarshan Mantra Prayog

Tripura Aakarshan Mantra Prayog : आकर्षण मंत्र : “श्रीं क्लीं ह्रीं ॐ त्रिपुरा देबी अमुकी आकर्षय आकर्षय स्वाहा ।” इस त्रिपुरा आकर्षण मंत्र (Tripura Aakarshan Mantra) का अयुत (दस हजार) जप करें । रक्त चन्दन और कुंकुम से षट्कोण त्रिपुरा आकर्षण यन्त्र अंकित कर उसका पूजन उक्त मंत्र से करे । लज्जा बीज (ह्रीं) को … Read more

कालिका आकर्षण मंत्र प्रयोग

Kaalika Aakarshan Mantra

Kaalika Aakarshan Mantra Prayog : कृष्णाष्टमी मंगलबार तथा कृष्ण चतुर्दशी रबिबार को प्रात: काल नाभिमात्र जल में खड़े होकर मूलमंत्र का ग्यारह सौ बार जप करे । घर आकर शरीर पर तेल लगाकर पीठ पर अंजन से स्त्री या पुरुष की मूर्ति बनाबे फिर उसका लाजबन्ती के पत्रों से पूजन करे । लाजबन्ती के जड़ … Read more

कालरात्रि उच्चाटन प्रयोग

Kaalraatri Uchchaatan Prayog

Kaalraatri Uchchaatan Prayog : एकान्त स्थान में कृष्ण चतुर्दशी के दिन नीला बस्त्र धारण करके बाल और शिखा खुला रखें । दक्षिण तरफ मुख करके कुक्कुट आसन से बैठ कर ग्रन्थियुक्त मूंजकी रस्सी की माला से रात्रि में दो हजार इस मन्त्र का जप करें । Kaalraatri Uchchaatan Prayog Mantra : मंत्र :”ल्बुं स्लूं म्लूं … Read more

पंचान्गुली मंत्र प्रयोग

Panchaanguli Mantra

Panchaanguli Mantra Prayog : पंचान्गुली देबी का स्थान अपने हस्त में माना गया है, अत: इसकी उपासना हस्त नक्षत्र से ही आरंभ करनी चाहिये । कार्तिक मास के हस्त नक्षत्र से साधना प्रारंभ कर मार्गशीर्ष के हस्तनक्षत्र तक करें । एक माला प्रतिदिन करें । हबनादि कर कन्या भोजन कराये । जप शुरू करते समय … Read more

शरीर रक्षा कबच :

शरीर रक्षा कबच

शरीर रक्षा कबच : शरीर रक्षा कबच : उलटा कबचोर पुलटा भाग तृदह देबता खलखली हाह (कबच के प्रहार से सब उलटा पुलटा हो गया, तीन लोक के देबताओ में खलबली मच गई) । भेद करू कबच मंत्रों आग भैला थीओ तृदह देबता उरी गैला (कवच मंत्रो से आग निकली जिससे तीनों लोकों के देबता … Read more

शरीर ब घर बांधना :

शरीर ब घर बांधना

शरीर ब घर बांधना : शरीर ब घर बांधना मंत्र :जय जय नरहींगस्थी गमन आकाखोत बनीले चोधो भबन पातालो तो नागेस्वरी ठूल ठूल माटी कूकूरा तेजील्ये राउकोर फूर बांधी लो आमुकार (अमुक का) घर पूर्ब ब्रह्मा पश्चिमे श्री हंकर गुरु (शंकर गुरु) उत्तर माधो (माधब) दक्षिन गोपाल चारी पीन चारी हीन तोइते रोइला मद्धे श्री … Read more

शत्रुनाश एबं पीड़ा :

शत्रुनाश

शत्रुनाश एबं पीड़ा : शत्रुनाश एबं पीड़ा : भूकंप के दिन की मिट्टी, मसान की मिट्टी एबं बाह्मर के पते (एक बिशेष पेड़) इनको एक मिट्टी की हांडी में इकठा करके जमीन में गाड देबे । तीन दिन तक हबन समय काम आये, पेड़ के पत्तों पर बलि देबे । यदि ठीक करना हो तो … Read more

राज मोहिनी :

राज मोहिनी

राज मोहिनी : राज मोहिनी मंत्र :”मुहनी मुह्नी बर मुहनी मोर मुह्नी नाऊ राजा गइसे (अब राजा के पास जाता हूं) काल सक्र धरिबले (कालचक्र धरिले) तार मुहीबे जाबो (तुम मोहने जाबो) । राजा क मोही प्रजा क मोहो मोहन तान हले मुरेक मोहि बाहि आसि “हमाजर माझोत” (समाज के मध्य) फीक ध्यान पारे धोने … Read more

रक्षा कवच मंत्र :

रक्षा कवच मंत्र

रक्षा कवच मंत्र : रक्षा कवच मंत्र : “खेत्रक बांधो नमता देब, खेत्रक बांधो हालीयाक देब, बांधू हा हा मेखी हुकर क बांधो, सथालीक बांधो, नादपास (नागपाश) क बांधो, हातोया बांन्धो, बातोया बांधो, बाटधरा बांन्धु, चक्षुटेला बांन्धु, दातकामुरा बांधो, सनीमोन बांधो, जियाहे माखे यही ताक बांन्धु, ब्रह्मार नागपखि (नागपाश) बठ बाक्य लरूयक सखरू मारू तोकत … Read more