चौंसठ योगिनी मंत्र साधना

chaunsath yogini mantra

Chaunsath Yogini Mantra Sadhana : तंत्र जगत योगिनियो का विशेष महत्व है । ये सभी अलौकिक शक्तियों से सम्पन्न होने के कारण साधक को उसकी मनवांछित वरदान देने में सक्षम है । चौंसठ योगिनी मंत्र (Chaunsath Yogini Mantra) सिद्ध कर लेने के बाद साधक जो भी चाहें कर सकता है । संक्षेप में इन्हीं को … Read more

कामेश्वरी योगिनी साधना

Kameswari Yogini

Kameswari Yogini Sadhana : कामेश्वरी योगिनी देबी चन्द्रमा के समान मुखबाली, खंजन जैसे चंचल नेत्रों बाली, चंचलगति बाली, सुन्दर तथा पुष्प बाण को धारण करने बाली हैं । Kameswari Yogini Sadhana Mantra : मंत्र : “ॐ ह्रीं आगच्छ कामेश्वरी स्वाहा ।” Kameswari Yogini Sadhana Vidhi : भोजपत्र के ऊपर गोरोचन द्वारा सर्बालंकारों से बिभूषित देबी … Read more

मधुमती योगिनी साधना कैसे करें ?

Madhumati Yogini Sadhana

Madhumati Yogini Sadhana Kaise Kare ? मधुमती देबी बिशुद्ध स्फटिक के सामान शुभबर्ण बाली, अनेक प्रकार के बस्त्रालंकारों से बिभुषित, पायजेब, हार, केयूर एबं रत्नजटित कुण्डलों से सुशोभित हैं । Madhumati Yogini Sadhana Mantra : “ॐ ह्रीं आगच्छ अनुरागिणी मधुमती मैथुनप्रिये स्वाहा ।” Madhumati Yogini Sadhana Vidhi : नित्य कर्मादि से निबृत होकर, सर्बप्रथम भोजपत्र … Read more

नटिनी योगिनी साधना

natini yogini sadhana

Natini Yogini Sadhana : नटिनी योगिनी साधना (Natini Yogini Sadhana) के देबी तीनों लोकों को मोहित करने बाली, गौरबर्ण, बिचित्र बस्त्रों को धारण करने बाली, बिचित्र आभुष्ण से सुसज्जित तथा सुन्दर नर्तकी का बेष धारण करने बाली है । Natini Yogini Sadhana Vidhi : नित्यकर्म से निबृत हो, न्यास एबं पूजनादि के उपरांत धूप निबेदित … Read more

कनकबती योगिनी साधना क्या है ?

Kanakvati Yogini Sadhana kya hai?

Kanakvati Yogini Sadhana Kya Hai ? प्रचण्ड बदना कनकबती देबी के होठ पके हुए बिम्बाफल के समान रक्त बर्ण है । बे लाल बस्त्रों को धारण करने बाली, बालास्वरूपिणी तथा समस्त मनोकामनाओ की पूर्ति करने बाली शुभ है । Kanakvati Yogini Sadhana Mantra : “ॐ ह्रीं हुं रक्षकर्मणि आगच्छ कनकबति स्वाहा ।” Kanakvati Yogini Sadhana … Read more

बिजय प्रदाता मंत्र :

बिजय प्रदाता मंत्र

बिजय प्रदाता मंत्र : बिजय प्रदाता मंत्र – “ॐ नमो बिश्वरूपाय अमुकस्य अमुकेन बिजयं कुरु कुरु स्वाहा ।” यह मंत्र 1008 बार जपने से सिद्ध हो जाता है । प्रयोग – इस मंत्र की प्रयोग बिधियां निम्नलिखित हैं – (1) उक्त मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित सुदर्शन की जड़ को हाथ में बाँधने बाला ब्यक्ति … Read more