सफलता पाने का मंत्र :

सफलता मंत्र

सफलता पाने का मंत्र : ।। सफलता मंत्र ।। “प्रभु प्रसन्न मन सकुच तजि जो जेहि आयसु देब । सो सिर धरि धरि करिहि सबु मिटिहि अनट अबरेब ।।” सफलता मंत्र की प्रयोग बिधि और लाभ : प्रतिदिन इस मंत्र के १००८ पाठ करने चाहियें । इस प्रकार से इस मंत्र के प्रभाब से सभी … Read more

रामजी की अनुकम्पा पाने का मंत्र :

रामजी

रामजी की अनुकम्पा पाने का मंत्र : ।। रामजी मंत्र ।। “बन्दऊ नाम राम रघुबर को । हेतु कृसानु भानु हिमकर को ।।” मंत्र की प्रयोग बिधि और लाभ : रबिबार बाले दिन से इस मंत्र को रुद्राक्ष की माला के ऊपर १०,००० बार प्रतिदिन जपें और लगातार ४० दिन तक इस क्रिया को करते … Read more

बशीकरण के लिए मंत्र :

बशीकरण के लिए मंत्र :

बशीकरण के लिए मंत्र : ।। मंत्र ।। “जो कह रामु लखनु बैदेही । हिंकरि हिंकरि हित हेरहिं तेही ।।” मंत्र की प्रयोग बिधि और लाभ : सूर्यग्रहण के पर्ब काल के उत्तम समय पर पूरे पर्बकाल में ही मंत्र को जपते रहें तो यह मंत्र सिद्ध हो जायेगा । इसके पश्चात् जब भी आबश्यकता … Read more

प्रभु की कृपा पाने का मंत्र :

प्रभु कृपा

प्रभु की कृपा पाने का मंत्र : ।। प्रभु कृपा मंत्र ।। “मूक होई बाचाल, पंगु चढ़ई गिरिबर गहन । जासु कृपा सो दयाल, द्रबहु सकल कलिमल –दहन ।।” प्रभु कृपा मंत्र की प्रयोग बिधि और लाभ : प्रभु श्री राम की पूजा करके गुरुबार बाले दिन से कमलगट्टे की माला पर प्रात: और सायंकाल … Read more

पुतली बशीकरण बिधान :

पुतली बशीकरण बिधान

पुतली बशीकरण बिधान : पुतली बशीकरण बिधान : केशर, कुंकुम तथा गोरोचन के मिश्रण से भोजपत्र के ऊपर शुभ घडी में एक ऐसी मूर्ति का निर्माण करें जैसी कि यंत्र प्रदर्शित की गयी है । उक्त पुतली बशीकरण बिधान यंत्र में मूर्ति के ह्रदय भाग पर जँहा “अमुकी” शव्द लिखा हुआ है, वँहा साध्य ब्यक्ति … Read more

प्रेमिका बशीकरण तंत्र :

प्रेमिका बशीकरण तंत्र :

प्रेमिका बशीकरण तंत्र : प्रेमिका बशीकरण तंत्र : किसी भी मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को एक उल्लू पकड़ कर उसके मस्तक के ऊपरी भाग से पाँच पंख नोंच लें । फिर उसे उसी स्थान पर छोड़ दें, जँहा से की पकड़ा था । तत्पश्चात अगली पूर्णिमा को आधी रात के समय किसी … Read more

बशीकरण भ्रमर मंत्र :

बशीकरण भ्रमर मंत्र

बशीकरण भ्रमर मंत्र : बशीकरण भ्रमर मंत्र– “अरं घुघुराकृष्ट कर्मकत अमुकं करो बश्यं ।” बशीकरण भ्रमर मंत्र बिधि – यह मंत्र दस हजार बार जपने पर सिद्ध होता है ।मंत्र का जप करते समय, जिस स्थान में “अमुक” शव्द आया है बंहाँ साध्य स्त्री अथबा पुरुष के नाम का उचारण करना चाहिए । मंत्र के … Read more

दुःख योग क्या है ?

दुःख योग

दुःख योग : दुःख योग -लग्न में पापग्रह हों तथा लग्नेश 12बे हो । -लग्न में शनि, अष्टम में राहु तथा छठे मंगल स्थित हो । -दशम भाब में पापग्रह हो । -किसी भी भाब में चन्द्र – मंगल साथ हों । -अष्टम भाब का स्वामी लाभ स्थान में स्थित हो । -सुखेश पापग्रह से … Read more

बिभिन्न राशियों में गुरु का फल :

गुरु का फल

बिभिन्न राशियों में गुरु का फल : गुरु का फल मेष राशि में– मेष राशि में गुरु रहने से ब्यक्ति उदार, अच्छे कार्यों में रत, शत्रुओं से घिरा हुआ तथा धनबान बनते हैं । बृष – बृष राशि में जन्म के गुरु होने से ब्यक्ति भक्तिभाब से ऐश्वर्य पाने बाले धनबान, पराक्रमी तथा शत्रुओं पर … Read more